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रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण

Sep 4, 2024

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Chapter-1

रासायनिक अभिक्रियाएँ एंव समीकरण 

रासायनिक समीकरण :- किसी रासायनिक अभिक्रिया को अभिकारकों एंव उत्पादों के प्रतीकों रासायनिक सूत्रों का प्रयोग करके प्रदर्शित करना रासायनिक समीकरण कहलाता है। 

जैसे:- Zn + H2S04ZnSO4 + H2 


अभिकारक :- ऐसे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैअभिकारक कहलाते है। 

जैसा:- Zn +  H2S04 

उत्पाद :- ऐसे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के सम्पूर्ण होने पर प्राप्त होते है। उत्पाद कहलाते है। 

जैसे:- ZnSO4 + H2  


सन्तुलित रासायनिक समिकरण :- 

वह रासायनिक समिकरण जिसमें विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिकारक उत्पाद दोनो पक्षों में समान होती हैसन्तुलित रासायनिक समिकरण कहलाता है। 

जैसे:-3Fe + 4H20Fe304 + 4H2 

 2H2  +O22H2O 

 


रासायनिक अभिक्रियाओ के प्रकार :- रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार की होती है। 


  1. संयोजन अभिक्रियाँ / संयुग्मन अभिक्रियाँ / योगात्मक अभिक्रियाँ 

  2. वियोजन अभिक्रियाँ / अपघटन अभिक्रियाँ 

  3. उष्माक्षेपी अभिक्रियाँ 

  4. उष्माशोषी अभिक्रियाँ 

  5. विस्थापन अभिक्रियाँ 

  6. द्विविस्थापन अभिक्रियाँ 

  7. उपचयन अभिक्रियाँ / ऑक्सीकरण अभिक्रियाँ 

  8. अपचयन अभिक्रियाँ 

  9. रेडॉक्स अभिक्रियाँ उपचयन- अपचयन अभिक्रिया 

संयोजन अभिक्रियाँ :- इस अभिक्रियाँ में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैऐसी अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रियाँ कहते है। 

उदाहरण- 

(1) कोयले का दहन :- C+O2CO

(2) जल का निर्माण :- 2H2 +022H2

(3) गन्धक का दहन    S+02SO2 

(4) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण :CaO + H20 Ca(OH)


वियोजन अभिक्रिया :- वह अभिक्रिया जिसमें एकल अभिकर्मक डटकर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता हैउसे वियोजन अभिक्रिया कहते है। 

उदाहरण :

(i) फेरस सल्फेट की वियोजन अभिक्रिया 

2FeSO4  Fe203 + SO2 + SO3

CaCO3 

संगमरमर का सुत्र होता है। 

(ii) कैल्सियम कार्बोनेट की वियोजन अभिक्रिया 

CaCO3 CaO + CO2 

(iii) सिल्वर ब्रोमाइड भी एक प्रकार की वियोजन अभिक्रिया है। 

2 AgBr 2 Ag + Br2 

अभिक्रिया का उपयोग श्याम - श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता है। 


उष्माक्षेपी अभिक्रियाँ:- वह अभिक्रियाँ जिसमें उष्मा ऊर्जा के रूप में उत्सर्जीत होती हैउसे उष्माक्षेपी अभिक्रियाँ कहते है। 

उदाहरण :- 

(1) प्राकृतिक गैस का दहन 

CH4 + 2O2CO2 + 2H2O + ऊर्जा 


(ii) श्वसन एक उष्माक्षेपी अभिक्रियाँ है 

मनुष्य को जीवित रहने के लिए हमें ऊर्जा की  आवश्यकता होती हैयह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती हैपाचन क्रिया के समय खाद्य पदार्थो में टूट जाते है। जैसे चावल, आलू तथा ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता हैकार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज प्राप्त होता हैयह ग्लूकोज हमारे शरीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा करता  प्रदान हैइस अभिक्रिया का नाम श्वसन है। 


C6H1206 + 6026C02 + 6H20 + ऊर्जा 

(ii) शाक-सब्जियों का विघटित होकर कंपोस्ट बनना भी उष्माक्षेपी अभिक्रिया का उदाहरण है। 

उष्माशोषी अभिक्रियाँ :- जिन अभिक्रियाओं में ऊर्जा का अवशोषण होता हैउसे उस्माशोषी अभिक्रिया कहते है। 

उदाहरण :

(i) H2  + I2 + ऊर्जा 2HI2

(ii) N2 + 2O2 + ऊर्जा 2NO2


विस्थापन अभिक्रिया -: ऐसी अभिक्रियाँ जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह जाता हैविस्थापन अभिक्रियाँ कहलाती है। 

उदाहरण :

Zn + CuSO4 ZnSO4 + Cu

Fe+ CuSO4FeSO4 + Cu

 

द्विविस्थापन अभिक्रियाँ :- वे अभिक्रियाएँ जिनमें भिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता हैद्विविस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती है। 

उदाहरण :

Na2S04 + BaCl2 BaSO4 + 2NaCl 


उपचयन अभिक्रियाएँ :- ऐसी अभिक्रियाँ जिसमें ऑक्सीजन की वृद्धि हो तथा हाइड्रोजन का त्याग हो उसे उपचयन अभिक्रिया कहते है। 

उदाहरण :

2Mg + O2 2MgO 

2Cu + O2 2CuO 


अपचयन अभिक्रियाँ:- ऐसी अभिक्रियाँ जिसमें हाइड्रोजन की वृद्धि हो तथा 

ऑक्सीजन का त्याग हो उसे अपचयन अभिक्रिया कहते है । 

उदाहरण :

CuO + H2Cu+ H2


रेडॉक्स अभिक्रियाएँ:- जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में उपचयन तथा अपचयन अभिक्रियाएँ साथ- साथ होती हैरेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहलाती है। 

उदाहरण :


CuO + H2  Cu + H2

उपचयन  अपचय


दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव :

संक्षारण :- जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है। तब वे संक्षारित होती हैइस प्रक्रिया को संक्षारण कहते है। 

उदाहरण :- चाँदी के ऊपर काली पर्त, ताँबे के ऊपर हरी पर्ज चढ़ना

लोहे पर जंग लगना 


विकृतगंधिता :- तेल व वसा के उपचयित हो जाने पर ये विकृतगन्धी हो जाते हैतथा इनकी गन्ध स्वाद में परिवर्तन हो जाता है। इनमें प्रतिऑक्सीकारक मिलाकर अथवा भोज्य पदार्थो को निर्वासित पात्रों में रखकर अथवा इनमें नाइट्रोजन प्रवाहित करके इस प्रक्रिया को रोका जा सकता है। 

उदाहरण:- आलू की चिप्स की थैलियों में नाइट्रोजन प्रवाहित करके इन्हें उपचथित होने से बचाया जा सकता है। 


Sep 4, 2024

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