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11 लाख पेंशनर्स, कर्मचारियों के लिए वित्त विभाग ने जारी की नई गाइडलाइनअब हर माह ओपीडी में 6 बार से ज्यादा नहीं दिखा सकेंगे,2 से अधिक जांच नहीं

राज्य सरकार ने सरकारी प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकार देगी दवाइयां आरजीएचएस के तहत प्राइवेट हॉस्पिटल में पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए जांच, दवा और ओपीडी नियम  बदले हैं। प्रदेश के 11 लाखपेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है।  वित्त विभाग ने यह गाइड लाइनजारी की। इसके अनुसार पेंशनर्स,कर्मचारी के लिए स्कीम के तहत मरीजों को ओपीडी में दिखाने की संख्या को भी सीमित कर दिया है।

 

इस स्कीम के तहत एक लाभार्थीएक महीने में अधिकतम 6 बार ही ओपीडी में जाकर दिखा सकता है। चाहे वह एक ही दिन में छह बार ओपीडी में दिखाए या अलग अलग दिन।

 

हालांकि इस बीच जो जांच एक बार मरीज से करवा ली, उसे 15 दिन के अंदर दूसरी बार रिपीट नहीं करवा सकेंगे। इलाज कराने वाले मरीजों को महंगी दवाइयां और इंप्लांट सरकार उपलब्ध कराएगी। अगर कोई मेडिसिन या इंप्लांट उपलब्ध नहीं होता है और उसे बाजार से खरीदते हैं तो सरकार की निर्धारित रेट से ज्यादा का होने पर अतिरिक्त चार्ज लाभार्थी खुद की जेब से भरेगा। अभी तक प्राइवेट हॉस्पिटलही भर्ती मरीजों को महंगी दवाइयां और इंप्लांट उपलब्ध करवाते थे। सरकारी रेट पर उपलब्ध होंगे क्वालिटी की दवा और इंप्लांटनई गाइड लाइन से सीमित रेट पर अच्छी क्वालिटी की दवाइयां और इंप्लांट लाभार्थियों को उपलब्ध हो सकेंगे। अभी कई प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक मुनाफा कमाने के लिए बाजार से सस्ती दरों पर दवाइयां और इंप्लांट लाकर मरीज को देते हैं। बिल में उनकी कीमत ज्यादा लगाकर अधिक पैसा उठाते हैं। ये नियम हेल्थ बेनीफिट एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिश के बाद जारी किए हैं। ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों के लिए भी नियम बदले हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल या बोर्ड से मिलेगी अनुमति अगर कोई प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक किसी मरीज को 5 दिन से ज्यादा समय तक भर्ती रखता है तो उसे स्वीकृति लेनी होगी। इसके तहत अगर मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर पर भर्ती है तो उसे जिले के सरकारी मेडिकलकॉलेज के प्रिंसिपल या कॉलेज के बनाएमेडिकल बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। अनुमति लेकर अधिकतम 12 दिन तक और भर्ती करके इलाज किया जा सकता है। जहां मेडिकल कॉलेज संचालित नहीं है, वहां के प्रिंसिपल  मेडिकल ऑफिसर से अनुमति लेनी होगी।

प्रश्न – RGHS CARD में अपनें माता-पिता या पति-पत्नी दोनो के राज्यकर्मी होने पर आरजीएचएस कार्डमहिला कार्मिक के नाम से होने पर अपने सास-ससुर का नाम कैसे दर्ज करें?

rghs add mamber

1. सर्वप्रथम E MITRA से अपने माता-पिता या महिला कार्मिक अपने सास-ससुर का जनआधारकार्ड डिलिट करवाकर उनकें नाम अपने जनआधार कार्ड में मर्ज करवायें।

 

2. जनआधार कार्ड मर्ज होने पर उनके नाम आपके जनआधार कार्ड में आ जायेंगें ।

 

3. इसके बाद SSO ID OPEN करें। इसमें RGHS APP OPEN करें।

 

4. RGHS APP में Beneficiary Module Open करें।

 

5. Beneficiary Module में Edit Serving Details Open करें।

 

6. अपने Spouse (पति-पत्नी) के Govt Employee के चेक बाक्स पर क्लिक करके राजकीयसेवा सत्यापित करें।

 

7. इसकें Open होने पर Eligible Member For RGHS ( categary - 9) में जनआधार कार्ड में जिन परिवार के सदस्यों के नाम है वो सभी नाम दिखाई देंगें। जिस नाम को RGHS में Add करना है उस पर टिक करे तथा नीचे दिये गये चैक बाक्स पर क्लिक करके Sumitकरें। RGHS CARD में नाम दर्ज हो जायेगा ।-

 

नोट पति-पत्नी दोनो के राज्यकर्मी होने पर आरजीएचएस के एडिट मॉड्यूल में जाकरअपने Spouse को राज्यकर्मी सत्यापित करते हुए, Spouse माता को Spouse Mother वपिता को Spouse Father के रुप में आरजीएचएस के अन्तर्गत शामिल किया जा सकता है।

 

नोट :- अगर महिला कार्मिक का पति राज्यकर्मी नही है तो महिला कार्मिक अपने सास ससुरका नाम आरजीएचएस कार्ड में दर्ज नही कर सकती ।-

 

नोट अगर किसी पारिवारिक सदस्य की Detail RGHS CARD में जनआधार कार्ड केअनुसार सही नही आ रही है तो Beneficiary Module में Update Details As PerJan aadhar पर क्लिक करें। क्लिक करने पर RGHS CARD में दर्ज सभी सदस्यों के नामआ जायेंगें।

 

जिस सदस्य की Details या Photo अपडेट करनी है उसके अन्तिम कालम मेंचेक बाक्स पर क्लिक करकें Update Selected Member details या UpdatePhoto According To Jan Aadhar पर क्लिक करें। RGHS CARD में DetailsUpdate हो जायेगी ।

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