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शिक्षा विभाग • मनमर्जी से डेपुटेशन, जहां शिक्षकों की कमी नहीं, वहां भी लगा दियापहले डेपुटेशन निरस्त किए, फिर गली निकालकर एक से दूसरे जिले में कर दी प्रतिनियुक्ति

Jul 5

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शिक्षा विभाग • मनमर्जी से डेपुटेशन, जहां शिक्षकों की कमी नहीं, वहां भी लगा दिया

पहले डेपुटेशन निरस्त किए, फिर गली निकाल कर एक से दूसरे जिले में कर दी प्रतिनियुक्ति



शिक्षा विभाग में भले ही डेपुटेशन निरस्त करने के आदेश कई बार जारी हो चुके हों, लेकिन अधिकारी ही इन आदेशों को ताक पर रख रहे हैं। चहेतों को फायदा पहुंचाते हुए विभाग में डेपुटेशन पर लगाने का सिलसिला लगातार चल रहा है।


शिक्षकों को एक जिले से उसके मनचाहे जिले में लगाया जा रहा है, जबकि वहां शिक्षकों की कमी नहीं है। कुछ शिक्षकों को तो जयपुर में भी डेपुटेशन पर लगा दिया गया, जहां पहले से ही शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। विभाग में चल रहे इन मनमर्जी के डेपुटेशन को लेकर शिक्षक संगठनों में भी आक्रोश है। साथ ही ऐसे शिक्षक भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं जिनकी कोई एप्रोच नहीं है।



पिछले दिनों भी विभाग ने डेपुटेशन में लगे शिक्षक कर्मचारियों को मूल स्थान पर जाने के आदेश दिए थे। डेपुटेशन निरस्त करने के आदेश में लिखा है कि जो डेपुटेशन शिक्षामंत्री की जानकारी के बिना या शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक के आदेश के बिना किए गए हैं वो निरस्त किए जाते हैं। यानी अधिकारी खुद डेपुटेशन का आदेश निकाल सकते हैं।


इसी गली का फायदा उठाते हुए एक जिले से दूसरे जिले में शिक्षकों को लगाया गया है। एक शिक्षिका को भीलवाड़ा से जयपुर, जालौर से जयपुर, उदयपुर से जयपुर सहित कई अन्य जिलों में भी डेपुटेशन लगाया गया है।



राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि अधिकांश डेपुटेशन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के है क्योंकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण कई वर्षों से नहीं खुले हुए हैं। इसलिए गली निकालकर डेपुटेशन किए जा रहे हैं। सरकार को इसकी बजाय नीति बनाकर तबादले खोलने चाहिए। मनमर्जी ऐसी कि राज्य से बाहर भी डेपुटेशन किया शिक्षा विभाग के अधिकारियों की डेपुटेशन के मामले में ऐसी मनमर्जी चल रहा है कि वे राज्य से बाहर

डेपुटेशन करने में भी पीछे नहीं रहते।



सोशल मीडिया पर निदेशालय का एक आदेश वायरल हुआ जिसमें जालौर से एक शिक्षिका को नारनौल हरियाणा में डेपुटेशन पर भेजने की तैयारी थी। आदेश में जालौर के डीईओ प्रारंभिक से इस शिक्षिका से जुड़ी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई थी जिसके आधार पर डेपुटेशन को मंजूरी दी जा सके।

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