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Chapter 4 कार्बन एंव उसके यौगिक 

Sep 9, 2024

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Chapter-4 

कार्बन एंव उसके यौगिक 

कार्बन कि विशेषताएँ :- 

कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 होता हैऔर इसे "C" से दर्शाते है। 

कार्बन की ज्यामिति सम चतुष्कफलकीय होती है। 

कार्बन की संयोजकता चार होती āहै एवं यह अपनी चारों संयोजकत्ता को पूरी करने के लिए यौगिकों के साथ एकल, द्वि, एंव त्रिबंध बनाकर अणुओं का निर्माण करते है। 

कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक carbon-12 (C), carbon-13 (C13), and carbon-14 (C14)



कार्बन में आबन्ध - सहसंयोजी आबन्ध प्रकार का होता है जिससे यह इसे तत्वों के साथ बंध बना लेता है जो सहसंयोजी बंध बनाते है  

सहसंयोजी आबन्ध किसे कहते है ?

दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक युग्म ( दो एलेक्ट्रॉनों का जोड़ा ) की साझेदारी के द्वारा बनने वाले आबन्ध, सहसंयोजी आबन्ध कहलाते है। 

गुण :- इनका अन्तराअणुक बल कम होता है 

 गलनांक एवं क्वथनांक कम होते है। 

विद्युत के कुचालक होते है। 


कार्बन के अपरररूप :- 

किसी तत्व के वे भिन्न रूप जिनके रासायनिक गुणधर्म एक समान होते है जबकि भौतिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते है , अपररूप" कहलाते है। 

# हीरा -

हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबंधित होकर एक कठोर  त्रिआयामी चतुष्फलकीय संरचना का निर्माण करता है। 

यह कार्बन का अतिशुद्ध रूप है। 

यह विद्युत का कुचालक होता है। 

 शुद्ध कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब एंव ताप पर उपचारित करके हीरे को संश्लेषित किया जा सकता है। 

# ग्रेफाइट :- 

ग्रेफाइट काले धूसर रंग का मुलायम पदार्थ होता है। 

ग्रेफाइट चिकना तथा फिसलनशील पदार्थ होता है। 

यह चमकीला पदार्थ होता है। 

 ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है। 

# फुलरीन :

फुलरीन की संरचना एक फुटबॉल की तरह होती है। 

अमेरिका के प्रसिद्ध वास्तुकार बकमिन्सटर फुलर  के नाम पर इसका नाम फुलरीन रखा गया । 

फुलरीन गोल गुम्बंद के समान लगते है। 

C60 सर्वाधिक स्थायी फुलरीन है जिसे बकमिन्स्टर फुलरिन भी कहते है। 


संतृप्त यौगिक :- कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एक आबन्ध से जुड़े कार्बन के यौगिक संतृप्त यौगिक कहलाते हैं 


असंतृप्त यौगिक :- द्विबन्ध अथवा त्रिबन्ध वाले कार्बन के यौगिक असंतृप्त यौगिक कहलाते है। 


हाइड्रोकार्बन :- कार्बन तथा हाइड्रोजन से बने यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते है। जैसे :- CH4, C2H6, C2H4, C2H2 इत्यादि । 


IUPAC पद्धति :- IUPAC का पूरा नाम International Union of Pure and Applied Chemistry " ( अन्तर्राष्ट्रीय विशुद्ध और अनुप्रयुक्त रसायन संघ )

⇒ इस पद्धति के अनुसार सभी कार्बनिक यौगिकों का नामकरण किया जा सकता है।

⇒ इस पद्धति के अनुसार कुछ सरल कार्बनिक यौगिक जैसे- एल्केन, एल्कीन, एल्काइन का नामकरण निम्नानुसार किया जाता है। 

(1) हाइड्रोकार्बन के नामकरण में कार्बनिक यौगिक के अणु में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या के आधार पर उसका पूर्वलग्न लिखा जाता है। 

(2) अणु में उपस्थित बन्ध के आधार पर उसका अनुलग्न लिखा जाता है 

(3) पूर्वलग्न अनुलग्न को जोड़कर हाइड्रोकार्बन का पूरा नाम लिखा जाता है


अनुलग्न का निर्धारण :- 

कार्बन- कार्बन के मध्य बन्ध का प्रकार  अनुलग्न

(i) एल्केन श्रेणी (एकल बन्ध)  ऐन