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Chapter 3 धातु एंव अधातु

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  • Chapter 3


धातु एंव अधातु


कॉपर वह पहली धातु है। जिसका उपयोग बर्तनों, हथियारों तथा अन्य सामानों को बनाने में किया गया था।


धातुओं के भौतिक गुणधर्म :- 

(1) धातुओं की सतह चमकदार होती हैइस गुण को धात्विक चमक कहते है। 

(2) धातुएँ सामान्यतः कठोर होती है। प्रत्येक धातु की कठोरता अलग- अलग होती है। 

(3) कुछ धातुओं को पीट-पीटकर उन्हें पतली चादरों के रूप में ढाला जा सकता हैइस गुण को आघातवर्ध्यता कहते है । 

(4) धातुएँ सामान्यत: उष्मा की सुचालक होती है। 

(5) जो धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती हैऔर आवाज उत्पन्न करती हैउन्हें ध्वनिक कहते है। 

(6) धातुओं को तार के रूप में रखींचा जा सकता हैधातुओं के इस गुण को तन्यता कहते है


धातुओं के रासायनिक गुणधर्म :- 

(1) धातुओं का दहन :- धातुएँ ऑक्सीजन से क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाती हैं।  धातु + ऑक्सीजन  धातु ऑक्साइड

उदाहरण:

2Cu + O2 2CUO 

4Al + 3O2 2Al2O3 


उभयधर्मी ऑक्साइड :- ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्रदान करते है उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते है। 

उदाहरण :

Al2O3  + 6HCl2AlCl3 + 3H2 

Al2O3  + 2NaOH2 NaAlO2 + H20 

सोडियम एलुमिनेट


ऐनोडीकरण :- ऐलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनाने <