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Chapter 2 अम्ल, क्षारक एंव लवण

Sep 5, 2024

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Chapter 2

अम्ल, क्षारक एंव लवण


अम्ल :- , अम्ल वे पदार्थ होते है जो कि जलीय विलयन में एक या अधिक H+ आयन उत्सर्जीत करते हैअम्ल स्वाद में खट्टे होते है, अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते है 

उदाहरण :- HCl, HNO3, H2SO4, CH3CaOH 

कुछ प्राकृतिक पदार्थों में पाए जाने वाले अम्ल :



प्राकृतिक पदार्थ

उपस्थित अम्ल 

नींबू, संतरा

सिट्रिक अम्ल 

सिरका

ऐसीटिक अम्ल 

टमाटर

ऑक्सलिक अम्ल 


दही

लेक्टिक अम्ल 

क्षार:- क्षार स्वाद में कड़वे होते है, क्षार लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते है, क्षार वे पदार्थ होते है। जो कि जलीय विलयन में [OH- ] आयन उत्सर्जीत करते है। 

उदाहरण :- NaOH, ROH, Ca(OH)2, Mg (OH)2


पेट की अम्लता को दूर करने में Mg (OH)2 

Ca(OH)2 मिट्टी की अम्लता को दूर करने में 


सूचक : ऐसे मदार्थ जो विलयन में अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को रंग परिवर्तन द्वारा या गंध परिवर्तन के द्वारा सूचित करते हैसूचक कहलाते है। 


सूचक के प्रकार :

प्राकृतिक सूचक 


जो प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त किये जाते हैं। उसे प्राकृतिक सूचक कहते हैं। 

उदाहरण :- लिटमस, हल्दी, पत्ता गोभी, पेटूनिया, जेरानियम 


लिटमस विलयन बैगनी रंग का रंजक होता है जो थैलोफाइटा समूह के लियेन पौधे से प्राप्त किया जाता है। 



संश्लेखित सूचक

वे सूचक जो रासायनिक रूप से तैयार किए जाते हैउसे संश्लेखित सूचक कहते है। उदाहरण :- मेथिल ऑरेंज एवं फीनॉल्फथेलिन 


गंधीय सूचक

ऐसे पदार्थ जिनकी गंध अम्ल या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती हैउसे गंधीय सूचक कहते है । 

उदाहरण :- प्याज, वैनीला आदि 


अम्लों के गुणधर्म :- 

* अम्ल स्वाद में खट्टे होते है। 

* ये जल में घुलकर H+ आयन देते हैं

* ये नीले लिटमस मत को लाल कर देते हैं। 

इनका जलीय विलयन विद्युत्त का चालन करता है। 


क्षारकों के गुणधर्म :- 

* ये स्वाद में कड़वे होते हैं

*ये जल  में घुलकर OH- आयन देते है। 

* ये  लाल लिटमस पत्र को जिला कर देते है। 

* ये छूने पर साबुन जैसे लगते है। 



अम्लों की धातुओं के साथ अभिक्रिया :- 

जब अम्ल की धातु के साथ क्रिया की जाती हैतो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जीत होती है। 

धातु + तनु अम्ल  धातु लवन + हाइड्रोजन गैस

उदाहरण :

  Zn + H2SO4 ZNS04 + H2 

Fe + 2HCl Fecl2+ H2 



क्षारों की धातुओं के साथ अभिक्रिया :- 

जब क्षारों की धातुओं के साथ क्रिया की जाती हैतो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जीत होती है। 

क्षार + धातु धातु ऑक्साइड + H2 गैस 

उदाहरण :

Zn2NaOH  Na2ZnO2 + H2 गैस

[ सोडियम जिंकेट ]

2Al + 2NaOH 2NaAlO2 + 3H2 



धातु कार्बोनेट की अम्ल के साथ अभिक्रिया :- 

संभी धातु कार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण कार्बनडाईऑक्साइड एंव जल बनाते है। 

धातु कार्बोनेट अम्ल  लवण + C02 H20

उदाहरण :- 

CaCO3 + 2HCl CaCl2 + CO2 + H2

Na2CO3 + 2HClNaCl + Co2 + H2O 


 

धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट की अम्ल के साथ अभिक्रिया :- 

सभी धातु कार्बोनेट एंव हाड्रोजन कार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बनडाई ऑक्साइड एंव जल बनाते है। 

धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट + अम्ल लवण + CO2 H2O

उदाहरण :

2NaHCO3 + H2SO4 Na2SO4+CO2 H2O

NaHCO3 + HCl NaCl + CO2 H2O



उदासीनीकरण अभिक्रिया :-

अम्ल एंव क्षारक मरस्पर अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैइस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है। 

क्षारक अम्ल लवण +जल 

उदाहरण :

NaOH + HCl NaCl + H2

2NaOH + H2SO4 Na2SO4 + 2H2O

अम्लों के साथ धात्विक ऑक्साइडों की अभिक्रिया :-

क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एंव जल बनाते है । 

धातु ऑक्साइड + अम्ल लवण + जल

Na2O+2HCl 2NaCl+H2



क्षारक के साथ अधात्विक ऑक्साइड की अभिक्रिया :-

क्षारक अधात्विकऑक्साइडों के साथ क्रिया करके लवण एवं जल का निर्माण करते है 

क्षारक अधात्विक ऑक्साइड लवण + जल 

उदाहरण :- 

2NaOH + CO2 Na2CO3 + H2O

2KOH+ SO3 K2SO4 + H2O 


तनुकरण :-

जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती हैइस प्रक्रिया को तनुकरण कहते है। 

 

PH स्केल :-

PH का पूरा नाम Potenz Hydronium इस PH में  सूचक है पुसांस [ Potenz] जिसका अर्थ शक्ति होता है। 


Def :- 1 किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए जो स्केल काम में लिया जाता है। उसे PH स्केल कहते है। 

Def :- 2 हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के ऋणात्मक लगुघुणक को PH 

स्केल कहते है। 


Note :- 

हाइड्रोजन आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका PH उतना ही कम होगा। 

किसी भी उदासीन विलयन के लिए PH का मान 7 होगा। 

जिस विलयन का PH मान 7 से कम हैतो यह विलयन अम्लीय होगा । 

जिस विलयन का PH मान 7 से अधिक हैतो यह विलयन क्षारिय होगा। 


निम्न विलयनों के PH मान :- 

विलयन


PH मान

जठर रस

1.2

नींबू का रस

2.2

शुद्ध जल

7

रक्त 

7.4

मिल्क ऑफ मैग्नीशिया

10

सोडियम हाइड्रॉक्साइड 

14

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल 

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प्रबल अम्ल :

अधिक संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते है। 

उदाहरण :- HCl, H2SO4 


दुर्बल अम्ल:-

कम संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते है। 

उदाहरण :- CH3COOH 


प्रबल क्षार :-

वे क्षार जिनका जलिय विलयन में पूर्णतः आयनन हो जाता हैउसे प्रबल क्षार कहते हैं। 

उदाहरण :- NaOH, KOH 


दुर्बल क्षार :-

वे क्षार जो जलिय विलयन में पूर्णत: आयनित नहीं होते हैउसे दुर्बल क्षार कहते है। 

उदाहरण :- NH4OH, Mg (OH)2



अम्लीय वर्षा:--

वर्षा के जल की PH मान 5.6 से कम हो जाती है। तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है। 


अम्लीय वर्षा के कुप्रभाव :

  • अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता हैतो नदी के जल के PH का मान कम हो जाता हैऐसी नदी में जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है। 

  • अम्लीय वर्षा के कारण संगमरमर से बना ताजमहल काला पड़ने लगा हैक्योंकि कैल्सियम कार्बोनेट वर्षा में उपस्थित अम्ल से क्रिया कर लेता है। 


दैनिक जीवन में PH का महत्व :- 

  • हमारे शरीर का PH मरास 7.0 से 7.8 के बीच कार्यशील रहता है। 

  • वर्षा के जल का PH मान 5.6 से कम हो जाने पर उसे अम्लीय वर्षा कहते है। 

  • पौधों को एक विशिष्ट PH मान की आवश्यकता होती है। 

  • हमारा उदर HCL उत्पन्न करता हैयह अम्ल हानि पहुँचाए बिना हमारे भोजन के पाचन में सहायता करता हैअपच होने पर हमारे उदर में अधिक मात्रा में HCL उत्पन्न होता हैजिससे पेट दर्द जलन का अनुभव होता हैइसे मुक्त होने हेतु"ऐन्टैसिड" जैसे क्षारकों का उपयोग उदर को हमारे किया जाता है। 

  • मुँह के PH का मान 5.5 से कम होने पर दांतो का इनैमल संक्षारित होने लगता है। 

  • मधुमक्खी का डंक मेथेनॉइक अम्ल छोड़ता हैडंक मारे गए अंग में बेकिंग सोडा जैसे दुर्बल क्षारक के उपयोग से आराम है |


कुछ प्राकृतिक अम्ल :- 

  • सिरका  ऐसीटिक अम्ल 

  • दही  लैक्टिक अम्ल

  • संतरा  सिट्रिक अम्ल

  • नींबू सिट्रिक अम्ल

  • इमली  टार्टरिक अम्ल 

  • चींटी का डंक  ऑक्सैलिक अम्ल

  • टमाटर  मेथेनॉइक अम्ल

 

साधारण नमक से बनने वाले पदार्थ :- 

सोडियम हाइड्रॉक्साइड में इसे कास्टिक सोडा भी कहते हैइसका रासायनिक सूत्र NaOH होता है। 


सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता हैइसे "क्लोर - क्षार प्रक्रिया" कहते है। 

उदाहरण:

2 NaCl + 2H22 NaOH + Cl2 + H2 


उपयोग :-

1 बॉक्साइड के धातुकर्म में उपयोग होता है

2 पेट्रोलियम के शोधन में उपयोग किया जाता है। 

3 प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में किया जाता है

4 साबुन, कागज, सिल्क उद्योग में किया जाता है। 


विरंजक चूर्ण :-

इसका रासायनिक सूत्र CaOCl2 होता है। 

बुझा हुआ चूना Ca(OH)2 क्लोरिन (Cl2) की क्रिया से विरंजक चूर्ण 

का निर्माण होता है। 

उदाहरण :

Ca(OH)2 + Cl2 CaOCl2 + H2O


उपयोग :


1 पीने ने वाले जल को जीवाणु मुक्त रोगाणुमुक्त करने में

2 वस्त्र उद्योग में विरंजक के रूप में

3 प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में

4 कागज उद्योग में विरजंक के रूप में 


बेकिंग सोडा :-

इसे खाने का सोडा भी कहते हैइसका रासायनिक सूत्र NaHCO3 होता हैइसका रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट हैकच्चे पदार्थो में सोडियम क्लोराइड का उपयोग करके इसका निर्माण किया जाता है। 

उदाहरण:

NaCl + H2O + CO2 + NH3 NH4Cl + NaHCO3 

उपयोग :

1 स्वादिष्ट खस्ता पकौड़े बनाने में 

2 पेट की अम्लता को को दूर करने में 

3 अग्निशामक यंत्रों में 

4 सोडा वाटर तथा सोडा युक्त शीतल पेय बनाने में। 


धोने का सोडा :-

इसका रासायनिक सूत्र Na2C03.10H2O होता है। 

बेकिंग सोडा को गर्म करने पर जो सोडियम कार्बोनेट प्राप्त होता है। 

उसके पुनः क्रिस्टीलीकरण से धोने का सोडा प्राप्त होता है

उदाहरण :

  Na2C03+10H2O Na2C03.10H2O


उपयोग :

  1. इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योग में

  2. इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है

  3. प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में 

  4. जल की स्थायी कठोरता को हटानें में 



प्लास्टर ऑफ पेरिस :- इसका रासायनिक सुन्न CaSO4.1/2H2O होता हैजिप्सम को 373 K पर गर्म करने पर यह जल के अणुओं का त्याग कर कैल्सियम सल्फेट अर्द्धहाइड्रेट, हेमीहाइड्रेट बनाता हैइसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते है। 

उदाहरण :

CaSO4.1/2H2O+1/2H2O CaSO4.2H2O (जिप्सम )


उपयोग :

  1. भवन निर्माण में 

  2. दंत चिकित्सा में 

  3. मूर्तियाँ आदि सजावटी सामानों को बनाने मे

  4. टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए



Sep 5, 2024

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