
Chapter 2
अम्ल, क्षारक एंव लवण
अम्ल :- , अम्ल वे पदार्थ होते है जो कि जलीय विलयन में एक या अधिक H+ आयन उत्सर्जीत करते है।अम्ल स्वाद में खट्टे होते है।, अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते है।
उदाहरण :- HCl, HNO3, H2SO4, CH3CaOH
कुछ प्राकृतिक पदार्थों में पाए ज ाने वाले अम्ल :-
प्राकृतिक पदार्थ | उपस्थित अम्ल |
नींबू, संतरा | सिट्रिक अम्ल |
सिरका | ऐसीटिक अम्ल |
टमाटर | ऑक्सलिक अम्ल |
दही | लेक्टिक अम्ल |
क्षार:- क्षार स्वाद में कड़वे होते है।, क्षार लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते है।, क्षार वे पदार्थ होते है। जो कि जलीय विलयन में [OH- ] आयन उत्सर्जीत करते है।
उदाहरण :- NaOH, ROH, Ca(OH)2, Mg (OH)2
पेट की अम्लता को दूर करने में Mg (OH)2
Ca(OH)2 मिट्टी की अम्लता को दूर करने में
सूचक : ऐसे मदार्थ जो विलयन में अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को रंग परिवर्तन द्वारा या गंध परिवर्तन के द्वारा सूचित करते है। सूचक कहलाते है।
सूचक के प्रकार :-
प्राकृतिक सूचक
जो प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त किये जाते हैं। उसे प्राकृतिक सूचक कहते हैं।
उदाहरण :- लिटमस, हल्दी, पत्ता गोभी, पेटूनिया, जेरानियम
लिटमस विलयन बैगनी रंग का रंजक होता है जो थैलोफाइटा समूह के लियेन पौधे से प्राप्त किया जाता है।
संश्लेखित सूचक
वे सूचक जो रासायनिक रूप से तैयार किए जाते है। उसे संश्लेखित सूचक कहते है। उदाहरण :- मेथिल ऑरेंज एवं फीनॉल्फथेलिन
गंधीय सूचक
ऐसे पदार्थ जिनकी गंध अम्ल या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है। उसे गंधीय सूचक कहते है ।
उदाहरण :- प्याज, वैनीला आदि
अम्लों के गुणधर्म :-
* अम्ल स्वाद में खट्टे होते है।
* ये जल में घुलकर H+ आयन देते हैं,
* ये नीले लिटमस मत को लाल कर देते हैं।
* इनका जलीय विलयन विद्य ुत्त का चालन करता है।
क्षारकों के गुणधर्म :-
* ये स्वाद में कड़वे हो ते हैं।
*ये जल में घुलकर OH- आयन देते है।
* ये लाल लिटमस पत्र को जिला कर देते है।
* ये छूने पर साबुन जैसे लगते है।
अम्लों की धातुओं के साथ अभिक्रिया :-
जब अम्ल की धातु के साथ क्रिया की जाती है। तो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जीत होती है।
धातु + तनु अम्ल → धातु लवन + हाइड्रोजन गैस
उदाहरण :-
Zn + H2SO4 →ZNS04 + H2
Fe + 2HCl → Fecl2+ H2
क्षारों की धातुओं के साथ अभिक्रिया :-
जब क्षारों की धातुओं के साथ क्रिया की जाती है। तो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जीत होती है।
क्षार + धातु धातु ऑक्साइड + H2 गैस
उदाहरण :-
Zn+ 2NaOH → Na2ZnO2 + H2 गैस
[ सोडियम जिंकेट ]
2Al + 2NaOH →2NaAlO2 + 3H2
धातु कार्बोनेट की अम्ल के साथ अभिक्रिया :-
संभी धातु कार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण कार्बनडाईऑक्साइड एंव जल बनाते है।
धातु कार्बोनेट + अम्ल → लवण + C02 + H20
उदाहरण :-
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + CO2 + H2O
Na2CO3 + 2HCl→NaCl + Co2 + H2O
धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट की अम्ल के साथ अभिक्रिया :-
सभी धातु कार्बोनेट एंव हाड्रोजन कार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बनडाई ऑक्साइड एंव जल बनाते है।
धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट + अम्ल →लवण + CO2 + H2O
उदाहरण :-
2NaHCO3 + H2SO4 → Na2SO4+CO2 + H2O
NaHCO3 + HCl → NaCl + CO2 + H2O
उदासीनीकरण अभिक्रिया :-
अम्ल एंव क्षारक मरस्पर अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते है। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है।
क्षारक + अम्ल →लवण +जल
उदाहरण :-
NaOH + HCl →NaCl + H2O
2NaOH + H2SO4 →Na2SO4 + 2H2O
अम्लों के साथ धात्विक ऑक्साइडों की अभिक्रिया :-
क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक ऑक्साइड अम् ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एंव जल बनाते है ।
धातु ऑक्साइड + अम्ल →लवण + जल
Na2O+2HCl → 2NaCl+H2O
क्षारक के साथ अधात्विक ऑक्साइड की अभिक्रिया :-
क्षारक अधात्विकऑक्साइडों के साथ क्रिया करके लवण एवं जल का निर्माण करते है
क्षारक + अधात्विक ऑक्साइड →लवण + जल
उदाहरण :-
2NaOH + CO2 →Na2CO3 + H2O
2KOH+ SO3 →K2SO4 + H2O
तनुकरण :-
जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते है।
PH स्केल :-
PH का पूरा नाम Potenz Hydronium इस PH में P सूचक है । पुसांस [ Potenz] जिसका अर्थ शक्ति होता है।
Def :- 1 किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए जो स्केल काम में लिया जाता है। उसे PH स्केल कहते है।
Def :- 2 हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के ऋणात्मक लगुघुणक को PH
स्केल कहते है।
Note :-
हाइड्रोजन आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका PH उतना ही कम